ग्रामीण पर्यटन के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर बढ़ायेगा उर्गम-चिनाप ट्रैक ।

--- प्रकाश कपरूवान ।
जोशीमठ,08 सितम्बर ।
उर्गम घाटी से चिनाप घाटी थेँग्ग का ट्रैक ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित हो सकता है, आवश्यकता है इस ट्रैकिंग मार्ग को सुव्यवस्थित करने की,।ताकि विश्व भर मे इस सात दिवसीय ट्रैक को ब्यापक प्रचार प्रसार मिल सके।
सामाजिक संस्था स्टेप-दिल्ली एवं जनदेश ने उर्गम घाटी के कल्पेश्वर से चिनाप घाटी थेँग्ग का सात दिवसीय ट्रैकिंग अभियान पूरा करने के बाद वन महकमे से अपने अनुभव साझा किये।
ट्रैकिंग दल के संयोजक स्टेप संस्था के सोमनाथ ने एक कार्यक्रम में नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क की रेंज आफिसर चेतना काण्डपाल को ट्रैकिंग मार्ग की स्थिति की जानकारी एवं सुधारात्मक कार्य किये जाने अपेक्षा करते हुए कहा कि प्रकृति प्रेमी पर्यटकों के लिये उर्गम-चिनाप ट्रैकिंग मार्ग बेहद खूबसूरत व रमणीक है, लेकिन कई स्थानों पर इस मार्ग को सुधारने की आवश्यकता है ताकि ट्रैकिंग दल आसानी से आवागमन कर सके।
श्री सोमनाथ ने कहा कि यदि यह ट्रैकिंग मार्ग बेहतर हो जाय तो उर्गम-चिनाप ट्रैक को विश्व भर में व्यापक प्रचार प्रसार मिलेगा और इससे उर्गम व थेँग्ग घाटी में ग्रामीण पर्यटन के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
बिड़ला गेस्ट हाउस जोशीमठ में आयोजित हुए कार्यक्रम में नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क की रेंज आफिसर चेतना काण्डपाल ने ट्रैकिंग दल के सदस्यों को सफल ट्रैकिंग अभियान के प्रमाण पत्र दिये।
इस दौरान ट्रैकिंग दल में शामिल इंदौर की केंसर रोग विशेषज्ञ डॉ प्रीति ने कहा कि वे पिछले 20 वर्षो से हिमालय के विभिन्न क्षेत्रों में यात्रा व ट्रैकिंग कर रही है, और उर्गम-चिनाप का ट्रैक साहसिक पर्यटन के लिए बेहतरीन है, डॉ प्रीति ने कहा कि इस प्रकार के ट्रैकिंग अभियान के बाद उन्हें कार्य करने में नई ऊर्जा मिलती है।
जनदेश के सचिव लक्ष्मण नेगी ने ट्रैकिंग दल के सदस्यों का जोशीमठ पहुंचने पर स्वागत करते हुए कहा कि इस प्रकार के ट्रैकिंग अभियान से जहां प्रकृति की गोद में छिपे अनछुए ट्रैकिंग व पर्यटन स्थलों की पहचान होगी वहीं ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही स्थानीय युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

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