देश के अन्तिम गांव माणा मे सरस्वती मन्दिर का महाराष्ट्र के राज्यपाल ने किया विधिवत उद्घाटन।

----------------------प्रकाश कपरूवान।
बद्रीनाथ-जोशीमठ,21 अक्टूबर।
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा किअष्टादश महापुराणों की रचना करने वाली ज्ञान की भूमि माना मे सरस्वती मन्दिर का जीर्णोद्धार होना सौभाग्य का विषय है।
श्री कोश्यारी देश के अन्तिम गांव माना के भीमपुल के पास नव निर्मित माँ सरस्वती के भब्य मन्दिर के विधिवत उद्घाटन के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि माँ सरस्वती के वरद पुत्र डॉ विश्वनाथ कराड व पद्म भूषण विजय के भटकर ने सन्त ज्ञानेश्वर एवं सन्त तुकाराम जी की धरती से देश के अन्तिम गांव माना पहुंचकर माता सरस्वती के पौराणिक मन्दिर का जीर्णोद्धार किया यह देव भूमि उत्तराखंड व माना गाँव के लिए विशेष उपलब्धि है।
इस उद्घाटन समारोह को सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी संबोधित किया।
इस मौके पर माना के प्रधान पीताम्बर सिंह मोलपा ने माना गांव के भीमपुल मे सरस्वती मन्दिर का जीर्णोद्धार किए जाने व महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल द्वारा विधिवत शुभारंभ किए जाने पर माना गांव की ओर से एमआईटी पुणे व राज्यपाल का आभार व्यक्त किया।
श्री मोलपा ने कहा कि वर्ष 2009 मे उनकी भेंट डॉ विश्वनाथ कराड एवं पद्म भूषण विजय भटकर जी से हुई थी, औऱ बद्री केदार मन्दिर समिति के तत्कालीन अध्यक्ष नंदकिशोर नौटियाल की प्रेरणा से डॉ कराड व भटकर ने सरस्वती मन्दिर के जीर्णोद्धार का संकल्प लिया था, जो 12 वर्षों के बाद साकार हो गया है।
उद्धघाटन समारोह में देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यधिकारी बीडी सिंह, यूसेक के डारेक्टर एमपीएस बिष्ट, एसडीएम कुमकुम जोशी,भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल गोयल,बद्रीनाथ थानाध्यक्ष सतेन्द्र सिंह,गढ़वाल सांसद प्रतिनिधि किशोर पंवार सहित अनेक लोग मौजूद रहे।
उद्घाटन समारोह स्थल भीमपुल पहुंचने से पूर्व श्री राज्यपाल एवं पूर्व सीएम ने माना गांव मे घंटाकर्ण-क्षेत्रपाल मन्दिर में पूजा अर्चना व आरती की।
गौरतलब है कि भीमपुल के पास 40 फीट ऊंचे इस नव निर्मित माँ सरस्वती के जीर्णोद्धार कार्य को पचास मजदूरों ने 61 दिन में पूरा किया, सभी मजदूर पुणे महाराष्ट्र से ही यहाँ पहुंचे थे।

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