बिना पर्यावरणीय स्वीकृति के निर्माणाधीन सड़को का कार्य रोका, पाताल गंगा--हेलंग चौड़ीकरण कार्यो पर भी रोक।

-------------------- प्रकाश कपरूवान।
जोशीमठ,03 अक्टूबर।
सैद्धांतिक स्वीकृति व विधिवत पर्यावरणीय स्वीकृति के बीच फंसे सड़क निर्माण कार्य, ग्रामीण सड़कों के साथ ही अब राष्ट्रीय राज मार्ग चौड़ीकरण के कार्यो को भी रोकने के लिए वन विभाग ने नोटिस थमा दिए हैं।
दरसअल किसी भी सड़क निर्माण से पूर्व भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति आवश्यक होती है, मंत्रालय द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति इस शर्त पर दी जाती है कि एक वर्ष के अंतर्गत विधिवत पर्यावरणीय स्वीकृति  कीहेतु सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाय। और विधिवत स्वीकृति की प्रत्याशा मे डीएफओ निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति दे सकते हैं।
सीमान्त विकास खंड जोशीमठ मे भेटा-भरकी चक उर्गम तथा सलूड- मोल्टा सड़को के निर्माण को भी इसी आधार पर स्वीकृति दी गई थी, जिनका एक वर्ष का समय पूर्ण हो गया है। और वन विभाग ने सड़क निर्माण एजेन्सी को विधिवत पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त होने तक तत्काल निर्माण कार्य रोकने के आदेश जारी कर दिए हैं।
ग्रामीण सड़कों के साथ ही विधिवत स्वीकृति के अभाव मे वन महकमे ने बद्रीनाथ राष्ट्रीय राज मार्ग के पाताल गंगा से हेलंग तक के सड़क चौड़ीकरण कार्यों पर प्रभावी रोक के लिए कार्यदायी संस्था को नोटिस थमा दिया है।
नन्दा देवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ एन बी शर्मा के अनुसार निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत विधिवत पर्यावरणीय स्वीकृति न मिलने के कारण उपरोक्त सड़कों का निर्माण कार्य रोक दिए गए हैं। संबंधित विभागों को बता दिया गया है कि विधिवत पर्यावरणीय स्वीकृति के बाद ही कार्य शुरू करें।

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