राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ज्योतिर्मठ मे "पोश एक्ट"पर कार्यशाला का हुआ आयोजन

 ज्योतिर्मठ, 03 दिसंबर। 

               राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जोशीमठ के एडुसैट सभागार में महाविद्यालय की आंतरिक परिवाद समिति (आई. सी.सी.) और आंतरिक गुणवत्ता सुनिश्चयन प्रकोष्ठ के तत्वावधान में 'पोश एक्ट' के तहत कार्यस्थल को महिला उत्पीड़न से सुरक्षित बनाने तथा नियोक्ता की जिम्मेदारियां' -- विषय पर एक सफल कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

                    कार्यशाला में विशेषज्ञ वक्ताओं के द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न "रोकथाम निषेध और निवारण अधिनियम"- 2013 के विभिन्न आयामों पर गंभीर मंथन किया गया। 

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। अपने स्वागत उद्बोधन में महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर प्रीति कुमारी ने कहा कि शिक्षा, सबलता , जागरूकता और निर्भयता ही वे प्रबल मंत्र हैं जिनके द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ लैंगिक भेदभाव और यौन उत्पीड़न रोका जा सकता है। 

       प्राचार्य ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के द्वारा पोश कानून 2013 के विभिन्न आयामों को सरल भाषा में समझाया और उपस्थित महिला कार्मिकों तथा छात्राओं सर अपील की कि वे पूरी तरह भयमुक्त होकर यौन उत्पीड़न की शिकायत करें। 

           कार्यशाला की मुख्य वक्ता और पी. एम. श्री अटल उत्कृष्ट राजकीय कन्या इंटर कॉलेज ज्योतिर्मठ की प्रधानाचार्या उर्मिला बहुगुणा ने पोश एक्ट के व्यावहारिक पहलुओं की समीक्षा करते हुए कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं की बढ़ती उपस्थिति सामाजिक विकास और लैंगिक न्याय का सूचक है लेकिन अभी भी महिलाओं को लेकर समाज को अपनी मानसिकता बदलने की आवश्यकता है।             

 महाविद्यालय में रसायन विज्ञान की प्राध्यापिका डॉ. कविता रावत रही जिन्होंने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न कानून के ऐतिहासिक पक्ष की समीक्षा की और इस कानून को महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान की दृष्टि से मील का पत्थर बताया। डॉ. रावत ने अपने संबोधन में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भंवरी देवी प्रकरण में 1997 में कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन शोषण संबंधी वर्ष 1997 में दी गई  'विशाखा गाइड लाइन्स' की चर्चा भी की ।

            बी. ए. प्रथम सेमेस्टर की छात्रा प्रभा ने भी पोश कानून पर आधारित भाषण दिया।

           आतंरिक परिवाद समिति की नोडल अधिकारी/संयोजक डॉ. मोनिका सती ने सभी अतिथियों और उपस्थित लोगों का आभार प्रकट किया। 

          इस अवसर पर पुलिस विभाग से मुकेश डुकलाण, कॉन्स्टेबल रश्मि, डॉ. जी. के. सेमवाल, डॉ. धीरेंद्र सिंह डुंगरियाल, डॉ. राजेन्द्र सिंह, डॉ. पवन कुमार, डॉ. नंदन रावत, डॉ. नवीन पंत, डॉ. राहुल मिश्रा, डॉ. मुकेश चंद, डॉ. किशोरी लाल सहित  आंतरिक परिवाद समिति की सदस्य रचना देवी, नंदी देवी, लीला राणा, जीत सिंह, आनंद सिंह, जगदीश लाल, शिव सिंह, मुकेश सिंह सहित महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक और कर्मचारी सम्मिलित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. चरणसिंह केदारखंडी ने किया।

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