--------- प्रकाश कपरूवाण।
जोशीमठ,14फरवरी।उर्गम घाटी के ग्रामीण यूँ तो आजादी के बाद से ही सड़क को लेकर संघर्ष करते रहे, लंबे संघर्ष के बाद उर्गम घाटी सड़क संपर्क से जुड़ सकी, लेकिन घाटी से लगे अन्य गावं आज भी सड़क के लिए संघर्ष को विवश हैं। हालात यह है कि स्वीकृत सड़क के निर्माण की मांग को लेकर उर्गम घाटी के गीरा-बांसा के ग्रामीण कड़ाके की ठंड मे धरना/प्रदर्शन को विवश हैं।
दरसअल हेलंग-उर्गम मोटर मार्ग के खवाला नामक स्थान से भरकी-भेटा होते हुए गीरा- बांसा तक करीब 16किमी सड़क स्वीकृत है,जिस पर कार्य भी शुरू हुआ, लेकिन गीरा-बाँसा गांवों को जोड़ने के लिए मात्र आधा किमी की कटिंग के बाद कार्य बंद कर दिया गया।
सड़क निर्माण कार्य बन्द हुए तीन वर्ष से अधिक का समय बीतने के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने धरना/प्रदर्शन का सहारा लिया ताकि दूरस्थ सड़क विहीन गांवों के ग्रामीणों की आवाज शासन-प्रशासन तक पहुंच सके।
धरना स्थल पर पहुंचकर जोशीमठ के तहसीलदार रवि शाह ने ग्रामीणों से वार्ता की और सड़क निर्माण को लेकर विवादित भूमि का सर्वेक्षण करने का भरोसा दिलाया। लेकिन धरना दे रहे ग्रामीण सड़क निर्माण कार्य शुरू करने की मांग पर अडिग रहे व धरना जारी रखा।
इसी परिपेक्ष्य मे मंगलवार को उर्गम घाटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम जोशीमठ से भेँट कर ज्ञापन सौंपते हुए कहा है कि कार्यदायी संस्था,राजस्व विभाग, ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी मे यथाशीघ्र कार्यस्थल का निरीक्षण कर सड़क निर्माण कार्य शुरू कराने की मांग की है, ताकि धरना/प्रदर्शन कार्यक्रम को स्थगित करने पर विचार किया जा सके।
एसडीएम को ज्ञापन देने वालों मे देवग्राम के प्रधान देवेन्द्र सिंह रावत, प्रधान संगठन के अध्यक्ष अनूप नेगी, उर्गम की प्रधान मिंकल देवी,के अलावा कुन्दन सिंह, वीरेंद्र सिंह व राजेन्द्र सिंह आदि थे।
0 टिप्पणियाँ