भगवान गणेश के कपाट बन्द किए जाने के साथ ही पंच पूजाएं हुई शुरू,19 नवंबर को शीतकाल के लिए बन्द होंगे बद्रीविशाल के कपाट ।।



  बदरीनाथ/जोशीमठ, 15 नवंबर।   
श्री बदरीथ धाम के  कपाट 19 नवंबर अपरान्ह तीन बजकर पैंतीस मिनट पर  शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। इससे पहले मंगलवार से पंच पूजाएं शुरू हो गयी।
पंच पूजा की प्रक्रिया के तहत  निकटवर्ती मंदिरों के कपाट बंद होने की शुरुआत हो गयी। 
मंगलवार को पंचपूजाओं के तहत  धर्माधिकारी आचार्य राधाकृष्ण थपलियाल ने  श्री गणेश जी के श्रीविग्रह को गणेश मंदिर परिसर से  श्री बदरीनाथ मंदिर गर्भगृह में दर्शन हेतु  विराजमान किया गया।  इस अवसर पर  श्री बद्रीनाथ धाम के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल तथा वेद पाठी रवीन्द्र  भट्ट ने गणेश जी की विशेष पूजा- अर्चना की ।
देर शाम को श्री गणेश जी  के कपाट बंद कर दिये गए। इस अवसर पर मंदिर समिति के सदस्य भास्कर डिमरी तथा मंदिर समिति के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, सहित  राजेद्र सेमवाल प्रमोद नौटियाल, कुलदीप भट्ट, भूपेंद्र रावत, डा. हरीश गौड़, अतुल डिमरी,संदेश मेहता केदार सिंह रावत, विवेक थपलियाल, अनसूया नौटियाल, नरेन्द्र खाती आदि भी मौजूद रहे।
 श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि अभी तक 1738872 ( सत्रह लाख अड़तीस हजार आठ सौ बहत्तर) तीर्थयात्री श्री बदरीनाथ धाम पहुंच गये है।  श्री बदरीनाथ धाम बर्फ से ढ़का है इसके बावजूद श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी है।
मीडिया प्रभारी ने बताया कि   कल 16 नवंबर बुद्धवार को श्री  आदिकेदारेश्वर जी को  समाधि रूप देकर कपाट बंद किये जायेंगे। 17 नवंबर बृहस्पतिवार को खडग पुस्तक पूजन के बाद वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जायेगा।18 नवंबर को माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना 19 नवंबर को रावल जी स्त्री भेष धारण कर माता लक्ष्मी को श्री बदरीनाथ जी के समीप्य प्रतिष्ठित करेंगे। इससे पहले श्री उद्धव जी श्री कुबेर जी मंदिर परिसर में आ जायेंगे।  इसी दिन शाम 3 बजकर 35 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ