----------- प्रकाश कपरूवाण ।
जोशीमठ,02अक्टूबर।जोशीमठ प्रखण्ड के टंगणी"तल्ली"ग्राम के जाख देवता 82 वर्षों के अंतराल के बाद छह माह के देवरा यात्रा भ्रमण के लिए रविवार को मंदिर गर्भगृह से बाहर निकले,इस धार्मिक आयोजन के दर्शनों के लिए हजारों की संख्या मे भक्तजन टंगणी पहुंचे थे।
गत 30 सितंबर से जाख देवता मंदिर मे विशेष पूजन कार्यक्रम शुरू हुए,शनिवार को कालरात्रि पूजनके उपरांत रविवार को सुबह से ही वैदिक ब्राह्मणों द्वारा जाख राजा का पूजन,स्नान कराया गया। इस कार्यक्रम के बाद विभन्न देवी देवताओं का अवतरण व मिलन हुआ।
डुमक के बजीर देवता की अगुवाई मेपूरे विधि विधान के साथ जाख देवता को गर्भगृह से बाहर निकालने की धार्मिक प्रक्रियाएं संपादित हुई, इससे पूर्व पाखी गावँ जो टंगणी के जाख देवता का मैती गावँ है वहाँ के देवताओं के पश्वा"अवतारी पुरुष"व ग्रामीणों को बाजे गाजे के मंदिर प्रांगण तक लाया गया।इसके उपरांत टंगणी गावँ की महिलाएं पीत वस्त्र मे सिर पर हरियाली की टोकरी लेकर पांडव चौक से जाख देवता मंदिर मे पहुंची।
मंदिर से पाखी के मैती के साथ जाख देवता के पुजारी द्वय आचार्य कैलाश चन्द्र सती व प्रेमबल्लभ सतीजाख देवता की मूर्ति को सूप में रखकर अखण्ड ज्योति के साथ "बानाकाछड़ी" तक ले गए, जहाँ मैती गांव के लोगों द्वारा जाख देवता को लाठ पर सजा कर मुख्य पूजा पांडाल"किलातोड़ी"तक लाया गया।
रविवार को हुए इस विशेष धार्मिक आयोजन के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में भक्तजन पहुंचे थे, 82 वर्षो के बाद हो रहे जाख देवरा कार्यक्रम मे सम्मलित होने के लिए टंगणी गावँ के मूल निवासी देशभर में जहाँ भी निवास करते है इन दिनों इस विशेष पूजा के लिए गावँ मे पहुंचे है।
टंगणी गावँ के युवक मंगल दल,महिला मंगल दल, व जाख देवरा यात्रा आयोजन समिति पूरे मनोयोग से इस धार्मिकआयोजन को सफल बनाने मे जुटी है।
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