शक्ति की उपासना के बिना किसी भी कार्य की सिद्धि संभव नहीं:- मुकुंदानंद ब्रह्मचारी।



ज्योतिर्मठ-जोशीमठ,12अप्रैल।
भारतीय संस्कृति में इस बात को बडी दृढता से सर्वत्र कही गई है कि शक्ति की उपासना के बिना किसी भी कार्य की सिद्धि सम्भव नही है । ब्रह्मा अपनी शक्ति ब्रह्माणी के सहयोग से सृष्टि की रचना करते है, विष्णु अपनी शक्ति लक्ष्मी के साथ मिलकर सबका पालन करते हैं और महेश भगवान शिव माता गौरी की शक्ति से समन्वित होकर संहार क्रम को आगे बढाते हैं । 
जिस कुल, समाज,और देश ने शक्ति के महत्व को समझकर सदा उनका सम्मान किया है उस संस्कृति को विकसित और उल्लसित होने से कोई नही रोक सकता है
  सनातनी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए इस बार चैत्र नवरात्रि के उपलक्ष्य में ज्योतिष्पीठ और द्वारकाशारदापीठ के जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज के आशीर्वाद से उनके शिष्य प्रतिनिधि स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती  महाराज के मार्गदर्शन में ज्योतिष्पीठ में देवी उपासना का नया स्वरूप देखने को मिला जो कि आध्यात्मिक और सामाजिक दोनों ही दृष्टिकोण से अद्भुत पूजा रही । 
पूज्य स्वामिश्री जी ने नवरारत्रि के कुछ दिन पूर्व ये इच्छा व्यक्त कि इस नवरात्रि में एक सहस्र १००० कन्याओं की पूजा की जाए । 
भगवती अखिलकोटिब्रहाण्ड नायिका राजराजेश्वरी त्रिपुर सुन्दरी माता श्रीदेवी की  विशेष कृपा से ये पूजा सम्पन्न हुई । ज्योतिर्मठ परिसर के अलावा जोशीमठ प्रखंड के अन्य धार्मिक स्थलों में भी कन्या पूजन किया गया।
इस क्रम मे पहले दिन मठ परिसर में 110 कन्या, दूसरे दिन तपोवन के तप्तकुण्ड स्थल पर 50 कन्या, तीसरे दिन तीन स्थलों पर सेलंग गांव में 29 कन्या , पैनी के अणिमठ में 34 कन्या , फिर ज्योतिर्मठ में 100 कन्या , चौथे दिन ज्योतिर्मठ परिसर के चोसठ योगिनी मंदिर में 150 कन्या , पांचवे दिन ज्योतिर्मठ में 133 कन्या, छठवें दिन बडगांव के भूम्याल देवता मन्दिर में 61 कन्या और परसारी गांव के नन्दा मंदिर 25 कन्या  , छठवें दिन करछी गांव के गौरीशंकर मंदिर में 35 कन्या, करछो गांव के नन्दा मन्दिर में 27 कन्या, और ढाक में 21 कन्या, सातवें दिन चांई गांव के सीता मन्दिर में 22 कन्या और सलूड गांव के विश्वप्रसिद्ध रम्माण मेला स्थल पर 109 कन्या , नवमें दिन पाण्डुकेश्वर के ध्यानबद्री मंदिर परिसर में 53 कन्या पूजन और दशमी को समापन के दिन ज्योतिर्मठ परिसर के देवी मन्दिर में 83 कन्याओं की पूजा सम्पन्न हुई । 
नवरात्रि के प्रतिदिन मठ में भगवती की महापूजा और ललितासहस्रनाम से अर्चन सम्पन्न हुआ । समापन के अवसर देवी जी का चूडियों से श्रृंगार किया गया । 
ज्योतिर्मठ के प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुन्दानन्द और व्यवस्थापक ब्रह्मचारी विष्णुप्रियानन्द ने नौ दिन के सभी अनुष्ठान विधि विधान से सम्पन्न कराए । 
कन्या पूजन में बतौर वशिष्ठ अतिथि के रूप अलग अलग अलग दिनों मे चमोली जिले के आर टी ओ  ज्योतिशंकर मिश्र जी, बीआरओ के मेजर आइना, ब्रिगेडियर  अमन आनन्द  , कर्नल  ए ए पराशर, बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पवांर, डा मोहन सिंह रावत ,  पालिका अध्यक्ष शैलेन्द्र पंवार, पूर्व पालिका अध्यक्ष रोहिणी रावत , दिवाकर भट्ट आदि ने उपस्थित होकर कन्या पूजन किया । 
कन्यापूजन में अपनी पूरी सेवा देने वाले श्रवणानन्द ब्रह्मचारी ,वेदाचार्य  वाणीविलास डिमरी जी, डॉ प्रदीप सेमवाल , कुशलानन्द बहुगुणा , हरीश डिमरी, शिवानन्द  उनियाल , अरुण ओझा , हेमंत तोषावर , महिमानन्द उनियाल , दिनेशचन्द्र , जयदीप मेहता , जगदीश उनियाल जी, रेखा बिष्ट जी, सरिता उनियाल जी, शान्ति चौहान , आरती उनियाल , मनीषा सती,व अरुणा नेगी सहित जोशीमठ नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों की सैकड़ों महिलाओं ने कन्या पूजन के भब्य उत्सव मे शामिल होकर चैत्र नवरात्र के दौरान पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया था। 

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