जोशीमठ,30जनवरी।
भगवान बद्री विशाल के श्रीविग्रह पर छ मास तक जिस तिल के तेल का लेपन किया जाता है, वह टिहरी दरबार में सुहागिन महिलाओं द्वारा ही पिरोया जाता है।इसी तिल के तेल को डिमरी समुदाय के बरीदारों द्वारा पूरे विधि विधान व शुद्धता के साथ गाड़ू घड़ी तेल कलश मे बद्रीनाथ धाम पहुंचाया जाता है।
वसंत पंचमी के पर्व पर टिहरी नरेश की मौजूदगी में राज पुरोहित द्वारा इस वर्ष भगवान बद्री विशाल के कपाट खोलने की तिथि घोषित की जाएगी।वसंत पंचमी के दिन ही गाड़ू घड़ी भी टिहरी दरबार पहुंचेगी।
परंपरा के अनुसार रविवार को डिमरी पंचायत द्वारा नियुक्त बारीदार पंडित अरुण डिमरी व राकेश डिमरी ने जोशीमठ पहुंचकर मंदिर खजाने से गाड़ू घड़ी को प्राप्त किया, यहाँ भगवान नरसिंह, नवदुर्गा सिद्धपीठ में दर्शनों के बाद गाड़ू घड़ी पांडुकेश्वर के लिए रवाना हुए हुई।
सोमवार को योगबद्री मंदिर में पूजा अर्चना के बाद गाड़ू घड़ी पुनः जोशीमठ पहुंचेगी, जहाँ गाड़ू घड़ी की पूजा अर्चना व भोग के बाद गाड़ू घड़ी तेल कलश का टिहरी दरबार के लिए प्रस्थान होगा।
रविवार को गाड़ू घड़ी को डिमरी पुजारियों के सुपुर्द करने व सिद्धपीठो में दर्शनों के दौरान श्री बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी आचार्य भुवन चन्द्र उनियाल, बरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डब्बर सिंह भुजवान, कुलदीप भट्ट, भूपेन्द्र रावत, व अतुल डिमरी आदि लोग मौजूद रहे।
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