जोशीमठ,21 नवंबर।
भगवान बद्रीविशाल के कपाट बन्द होने के बाद की धार्मिक परंपरा का निर्वहन करते हुए श्री बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी श्री रावल ईश्वर प्रसाद नम्बूदरी शंकराचार्य की पवित्र गद्दी, उद्धव व कुबेर की डोलियों के साथ पहले प्रवास योग बद्री मन्दिर पांडुकेश्वर पहुंचे।यहाँ दोनों श्रीविग्रहों को पूजन/अर्चन के साथ भगवान योग बद्री के श्रीविग्रह के संग विराजित किया गया।
पांडुकेश्वर पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने डोलियों का भब्य स्वागत किया गया, सेना की गढ़वाल स्काउट्स बटालियन की बैण्ड धुन व कीर्तन-भजनों के साथ डोलियों को मुख्य सड़क से योग बद्री मन्दिर तक ले जाया गया।
इस दौरान देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यधिकारी बी डी सिंह, धर्माधिकारी आचार्य भुवन चन्द्र उनियाल, अपर धर्माधिकारी आचार्य द्वय सत्य प्रसाद चमोला व राधकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविन्द्र भट्ट, सहायक मंदिर अधिकारी राजेन्द्र सिंह चौहान, बद्रीनाथ के थानाध्यक्ष सतेन्द्र सिंह,दफेदार कृपाल सनवाल, ब्रह्मचारी मुकुंदानंद जी महाराज,मन्दिर अभियंता गिरीश रावत, हकहकूक समाज से किशोर पंवार, नरेश पंवार, दिनेश पंवार, पांडुकेश्वर की प्रधान बबिता पंवार, सरपंच सरिता देवी, महिला मंगल दल अध्यक्ष मनोरमा मेहता, बदरीनाथ की सरपंच संगीता देवी, व दिनेश रावत सहित अनेक लोग मौजूद रहे।
सोमवार को श्री रावल शंकराचार्य की पवित्र गद्दी के साथ नरसिंह मन्दिर जोशीमठ पहुंचेंगे।
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