विधि विधान के साथ हुए भू वैकुण्ठ धाम के कपाट।अब शीतकाल के छः माह पांडुकेश्वर एवं जोशीमठ में होगी नारायण की पूजा ।

----------------- प्रकाश कपरूवान।
बद्रीनाथ,20 नवंबर।
विधिविधान के साथ बंद हुए बदरीनाथ धाम के कपाट, चारधाम यात्रा का हुआ समापन
बदरीनाथ धाम के कपाट आज शाम छह  बजकर 45 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए और इसी के साथ चारधाम यात्रा का समापन भी हो गया। आज प्रात:कालीन चार बजे अभिषेक पूजा की गई। दोपहर डेढ़ बजे सायंकालीन पूजा हुई। इसके बाद अपराह्न पांच बजे से कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गईं। इसके बाद शाम 6 बजकर 45 मिनट पर धाम के कपाट बंद कर दिए गए।

रविवार को बदरीश पंचायत (बदरीनाथ गर्भगृह) से उद्धव जी और कुबेर जी की उत्सव मूर्ति योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान करेगी। कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत शुक्रवार को मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने माता लक्ष्मी की विशेष पूजा करने के बाद लक्ष्मी जी का आह्वान किया। आज कपाट बंद होने से पहले माता लक्ष्मी को भगवान बदरीनाथ के मंदिर में विराजमान किया गया

सैकड़ों श्रद्धालु शनिवार को बदरीनाथ धाम पहुंच गए

इस दौरान कड़ाई भोग का आयोजन किया गया। कपाट बंद होने के दौरान  4 हजार तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम में मौजूद रहे। बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि आज भगवान बदरीविशाल के कपाट दिनभर श्रद्धालुओं के लिए खुले रहे। मंदिर को गेंदे के फूलों से सजाया गया है।

माता मूर्ति मंदिर के कपाट भी हुए बंद 
बदरीनाथ धाम में स्थित माता मूर्ति मंदिर के कपाट भी शनिवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। माता मूर्ति भगवान बदरीनाथ जी की माता हैं। प्रतिवर्ष बामन द्वादशी के पर्व पर भगवान बदरीनाथ अपनी माता से मिलने उनके मंदिर में जाते हैं। 
शनिवार को विधि-विधान से माता मूर्ति मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं। अब अगले वर्ष बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही माता मूर्ति मंदिर के कपाट भी श्रद्घालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
अपर मुख्य कार्याधिकारी बी डी सिंह ने चार धाम यात्रा ब्यवस्था को सुचारू ढंग से संचालित करने के लिए स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन, हकहकूक धारी समाज व समस्त जनप्रतिनिधियों को आभार ब्यक्त किया है।

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