ज्योतिर्मठ,
सीमांत पैनखंडा जोशीमठ -ज्योतिर्मठ की जनता के व्यापक समर्थन एवं युवाओं के लम्बे संघर्ष के बाद जोशीमठ मे मिनी स्टेडियम निर्माण की आस जगी, लेकिन स्टेडियम के मानकों के अनुरूप चिन्हित व चयनित भूमि से ही एनटीपीसी अपने कार्यालय एवं आवासीय परिसर तक सड़क निर्माण की जुगत मे है और युवा कल्याण विभाग चमोली व एनटीपीसी द्वारा सड़क निर्माण के लिए सयुंक्त निरीक्षण भी कर लिया गया है।
लेकिन सीमांत ब्लॉक व तहसील के केन्द्र स्थान जोशीमठ मे स्टेडियम निर्माण की मांग व युवाओं के आंदोलन के आगे जब नागरिक उड्डयन विभाग उड़ान योजना के तहत प्रस्तावित हेलीपैड निर्माण की जिद छोड़ सकता है तो क्या स्टेडियम के लिए चयनित भूमि से सड़क निर्माण किया जाना संभव हो सकेगा ?।
दरसअल जोशीमठ के रविग्राम मे जिस भूमि मे स्टेडियम निर्माण प्रस्तावित है वह भूमि पहले सिंचाई विभाग ने विष्णु प्रयाग जल विद्युत परियोजना के लिए अधिग्रहित की थी और यही भूमि वर्षों तक जेपी कम्पनी के पास रही, जब जेपी एसोसिएट ने भूमि राज्य सरकार को वापस की तो यह भूमि पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन के नाम हो गई और फिर बाद उड़ान योजना के तहत हेलीपैड निर्माण हेतु नागरिक उड्डयन विभाग के नाम दर्ज कर ली गई।
इसके बाद ही संघर्ष की कहानी शुरू हुई और युवा खेल विकास समिति जोशीमठ ने इस भूमि पर स्टेडियम निर्माण का संकल्प लिया तब एक लम्बे आंदोलन की शुरवात हुई जिसे पैनखंडा की जनता का भरपूर समर्थन मिला और उत्तराखंड सरकार को हेलीपैड निर्माण की योजना से कदम पीछे खींचने पड़े।
युवाओं का संघर्ष तब रंग लाया जब वर्ष 2019 मे बद्रीनाथ के विधायक महेन्द्र भट्ट के प्रयासों से तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने जोशीमठ के परसारी-पुनाड़ ब्रिज के उद्घाटन के अवसर पर स्टेडियम निर्माण की घोषणा की, जिसके बाद इस भूमि को नागरिक उड्डयन विभाग के नाम से हटाकर युवा कल्याण विभाग के नाम हस्तातंरित कर दी गई, और युवाओं का आंदोलन स्थगित हुआ, तब से ही सीमांतवासी एवं युवा खेल प्रेमी स्टेडियम निर्माण की वाट जोह रहे हैं।
वर्ष 2024 मे गढ़वाल सांसद अनिल वलूनी भी स्टेडियम निर्माण की घोषणा कर चुके हैं, बावजूद अब मिनी स्टेडियम के लिए मानकों के अनुसार चयनित भूमि से ही सड़क निर्माण का प्रस्ताव युवाओं व सीमांतवासियों को एक और आंदोलन की राह तैयार कर रहा है।
सीमांत क्षेत्र के केन्द्र स्थान जोशीमठ के इसी खेल मैदान मे स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम, ब्लॉक स्तरीय विद्यालयी खेल कूद प्रतियोगिता, मुख्यमंत्री उदयीमान खेल कूद,खेलो इंडिया के खेल कूद के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं क्रिकेट टूर्नामेंट के आयोजन तो होते ही हैं वर्तमान मे युवा कल्याण विभाग द्वारा फुटबाल की कोचिंग भी दी जा रही है।
युवा खेल विकास समिति के संस्थापक सदस्यों मे एक एवं रविग्राम के निवर्तमान पालिका सभासद समीर डिमरी कहते हैं कि यदि स्टेडियम के लिए प्रस्तावित भूमि पर सड़क निर्माण होता है तो स्टेडियम का मानक पूरा नहीं होगा क्योंकि एनटीपीसी को स्टेडियम के तीन ओर से सड़क निर्माण करना होगा जो कतई संभव नहीं है।
युवा खेल विकास समिति के अध्यक्ष सौरभ राणा के अनुसार एनटीपीसी स्वयं ही मानकों के अनुरूप स्टेडियम का निर्माण कर दें और स्टेडियम निर्माण के बाद आउटर पार्ट से सड़क निर्माण करें तो संभवतः इसमें आपत्ति नहीं होगी।
यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि एनटीपीसी को अपने टाउनशिप एवं कार्यालय परिसर तक पहुँचने के लिए सड़क संपर्क बेहद जरुरी है, क्योंकि जीरो बैण्ड से एनटीपीसी ने जिस सड़क का निर्माण किया था, वह धसाव के कारण क्षतिग्रस्त हो चुकी है पर ऐसा भी नहीं है प्रस्तावित स्टेडियम की भूमि के अलावा कोई विकल्प ही ना हो, इसलिए जनहित एवं युवाओं की खेल भावनाओं को समझते हुए जिला प्रशासन व एनटीपीसी को अन्य विकल्पों पर भी विचार करना चाहिए।
एनटीपीसी द्वारा युवा कल्याण विभाग से सड़क निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र की मांग करते ही विरोध भी शुरू होने लगा और युवा खेल विकास समिति के पदाधिकारियों के साथ ही रविग्राम वार्ड के सभासद परवेश डिमरी, नृसिंह मंदिर के सभासद दीपक साह, मारवाड़ी के सभासद प्रदीप भट्ट, सुनील वार्ड के सभासद प्रदीप पंवार, व अपर बाजार डाड़ों वार्ड के सभासद जयदीप मंन्द्रवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने जिला युवा कल्याण अधिकारी को पत्र भेजकर अनापत्ति दिए जाने का तीव्र विरोध कर दिया है।
अब देखना होगा कि सीमांत पैनखंडा की जनता का समर्थन व युवाओं के लम्बे संघर्ष के बाद उड़ान योजना के तहत हेलीपैड निर्माण से कदम पीछे खींचने वाली सरकार क्या एनटीपीसी को सड़क निर्माण की अनुमति दे सकेगी ?, इस पर सीमांत वासियों के साथ ही युवा खेल प्रेमियों की नजरें रहेंगी।
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