जोशीमठ, 22मई।
नर्बदा बचाओं आंदोलन के नेत्री मेघा पाटेकर ने कहा कि जोशीमठ भूधंसाव प्रभावित लोगों को बचाना है तो उनकी जरूरतों को हर हाल मे पूरा करना होगा। उन्होने कहा कि प्रकृति जीवन का आधार है, प्रकृति व पर्यावरण का रौंद कर विनाशकारी परियोजनाओं को रोकना होगा।
----- भाजपाईयो ने काले झण्डे दिखाकर व नारेबाजी कर किया मेघा पाटेकर का विरोध।
नर्वदा बचाओं आंदोलन की नेत्री मेघा पाटेकर यहॉ सीमान्त नगर जोशीमठ के भूधंसाव पीडितों के दुख-दर्द को समझने व जोशीमठ बचाओं संघर्ष समिति के आंदोलन को समर्थन देने के लिए जोशीमठ पंहुची थी।
उन्होने तहसील प्रांगण मे जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जहॉ जहॉ भी महिलांए संघर्ष मे कूदी वहॉ हर हाल मे आंदोलन सफल हुए है,उनका कहना था कि सत्य कभी हारता नही पराजित नही होता। सीमान्त नगर जोशीमठ के प्रभावित नागरिक सुरक्षा की तो मांग कर रहे है और यह सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि नागरिकों को बचाने के लिए कार्य होने चाहिए। उन्होने कहा कि जोशीमठ भूधंसाव आपदा के बाद सब कुछ ठीक हो गया तो लोगो को आंदोलन के लिए बाध्य क्यों होना पड रहा है!
मेघा पाटेकर ने कहा कि प्रकृति व पर्यावरण बचाने के लिए चंडी प्रसाद भटट व सुन्दर लाल बहुगुणा ने भी तो संघर्ष किया, और वो भी यही तो कह रहे है कि सडक निर्माण हो रहा है तो उसका मलबा नदी मे ना डाला जाय, अंधाधुध पेडो का कटान नही किया जाय, बडी परियोजनाओं का निर्माण रोका जाय, कहा कि एनटीपीसी की सुरंग मे सैकडो लोग मौत के मुॅह मे समा गए, जब सवाल उठे तो तभी सच्चाई समाने आई।
मेघा पाटेकर ने कहा कि वे न डरेगें और ना डराएंगे आगे बढते जाऐगे,और जोशीमठ भूंधसाव प्रभावित पीडितो को उनका हक दिलाने तक संघर्ष करते रहेंगे।
सभा को संबोधित करते हुए जोशीमठ बचाओं संघर्ष समिति के संयोजक कामरेड अतुल सती ने कहा कि जिन लोगो को पीडितो की आवाज बनकर शासन के सामने रखना था, वो लोग मेघा पाटेकर व पीडित जनता के विरोध मे उतर आएं है, यह सत्तापक्ष के लिए कतई शोभनीय नही है। उन्होने कहा कि हॉलाकि सत्तापक्ष के विरोध से मेघा पाटेकर व आंदोलन को और बल मिला है। कामरेड अतुल ने कहा कि भूधंसाव पीडितो को मुवावजा मिल रहा है, कुछ को नही मिला वो भी मिल जाऐगा, लेकिन सरकार ने वैज्ञानिको की रिपोर्ट का सार्वंजनिक किए विना हेलग-मारवाडी वाईपास निर्माण का निर्णय आखिर कैसे ले लिया! यह समझ से परे है। उन्होने जोर देकर कहा कि सरकार को यथाषीध्र जोशीमठ की अध्ययन रिपोर्ट सार्वजनिक करनी होगी, अन्यथा व जोशीमठ को बबार्द करने वाले वाईपास व एनटीपीसी की परियोजना का पुरजोर विरोध किया जाऐगा।
इस सभा को हिमालय बचाओं आंदोलन के समीर रतूडी,युवा नेता प्रकाश नेगी, रोहित परमार, पुष्पा देवी, व लक्ष्मी देवी सहित अनेक लोगो ने संबोधित किया।
इधर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओ ने मेघा पाटेकर का जोशीमठ पंहचने पर विरोध किया। भाजपाईयों ने काले झण्डे व नारेबाजी कर मेघा पाटेकर वापस जाओ के नारे लगाए। भाजपा कार्यकर्ता विरोध करते हुए सभा स्थल की ओर आने लगे जहॉ पुलिस ने उन्है रोक दिया, और कार्यकर्ता भी माइक लेकर वही पर नारेबाजी व प्रदर्शन करते रहे।
भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि जोशीमठ का ब्यवसाय पूरी तरह चौपट हो गया है, यात्री जोशीमठ मे रूकने का तैयार नही है, ऐसा डर का माहौल तैयार किया जा रहा है कि जोशीमठ की आर्थिक गतिविधि पूरी तरह से ठप्प हो जाए। इसलिए कार्यकताओ का विरोध के लिए उतरना पडा।
मेघा पाटेकर का विरोध करने वालों मे नगर भाजपा अध्यक्ष नितेश चौहान, जिला मंत्री लक्ष्मण फरकिया, पालिका सभासद नितिन ब्यास, पूर्व पालिकाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, नगर महामंत्री अंशुल भुजवाणं, ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्ष विजय कपरूवाण, सुभाष डिमरी, सौरभ राणा, सिद्धार्थ नंबूरी,सूरज नंबूरी,शुभम रावत, शौर्य पंवार,गुड्डू लाल, राकेश किमोली, व मंडल महामंत्री प्रदीप फरस्वांण आदि प्रमुख थे।
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