प्रेस विज्ञप्तिश्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय केदारनाथ पहुंचे।• यात्रा व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर अधिकारियों को निर्देश दिये।श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय तीन दिवसीय दौरे पर मंगलवार को केदारनाथ धाम पहुंचे। धाम पहुंच कर उन्होंने देर रात मंदिर और मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं को सुगम व सरल दर्शन व्यवस्था को लेकर विभिन्न व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। बुधवार को भी उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर विभिन्न व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए।बीकेटीसी अध्यक्ष ने मंगलवार देर रात मंदिर और मंदिर परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने रात्रि में अभिषेक पूजा संपन्न कराने वाले तीर्थ यात्रियों से मुलाकात की और उनकी कुशल क्षेम पूछी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि रात्रि में पूजा संपन्न कराने वाले श्रद्धालुओं को सुगम व सरल तरीके से दर्शन हो सकें, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। यात्रियों को ठंड से बचाव के भी उपाय किए जाएं। बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने बुधवार को केदारनाथ धाम में पुलिस- प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम की यात्रा पर आने वाला प्रत्येक श्रद्धालु सुखद अनुभव लेकर जाए, यह हम सबका प्रयास होना चाहिए। अजेंद्र ने केदारनाथ धाम में निर्माणाधीन ईशानेश्वर मंदिर व बीकेटीसी के भवनों का निरीक्षण भी किया और अधिकारियों को निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने दान - चढ़ावे की पारदर्शी गिनती के लिए बनने वाले ग्लास हाउस को भी शीघ्र निर्मित करने के निर्देश दिए।इस दौरान बीकेटीसी के मुख्य योगेंद्र सिंह, यात्रा मजिस्ट्रेट योगेश मेहरा, पुलिस विपिन रावत, मंदिर समिति के रमेश तिवारी आदि उपस्थित रहे।•प्रेषक मीडिया प्रभारी

चमोली 17 मई,2023 (सू0वि0)  

चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ की डोली बुधवार को गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर परिसर से कैलाश के लिए रवाना हो गई है। श्रद्धालुओं की उपस्थिति में भोले अपने ग्रीष्मकालीन प्रवास कैलाश को रवाना हुए। हिमालय के मखमली बुग्यालों के मध्य स्थित पंच केदार में शामिल भगवान रुद्रनाथ के कपाट 20 मई को ब्रह्ममुहूर्त में खुलेंगे। आभूषण और फूलों से सजी चतुर्थ केदार रुद्रनाथ की उत्सव डोली पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ रवाना हुई। सैकड़ों की संख्या में श्रद्वालु उत्सव डोली के साथ गए। दो दिनों की कठिन पैदल यात्रा में उत्सव डोली पहले दिन ल्वींठी बुग्याल तथा अगले दिन 18 मई को रूद्रनाथ पहुॅचेगी। भगवान रूद्रनाथ मंदिर के कपाट 20 मई को पौराणिक राीति रिवाजों और परंपराओं के बीच ग्रीष्मकाल के लिए श्रद्वालुओं के दर्शनों को खोले जाएंगे।

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