खुल गए भू वैकुण्ठ धाम श्री बद्रीनाथ के कपाट, दस हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने किए अखण्ड ज्योति के दर्शन।।

 श्री बदरीनाथ धाम/हिमालय, 27 अप्रैल।
 विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आज प्रात: 7 बजकर 10 मिनट पर विधि-विधान से वेद ऋचाओं  के उदघोष के साथ  हल्की बर्फबारी के बीच श्रद्धालुओ के दर्शनार्थ खोल दिये गये हैं। इस अवसर पर श्री बदरीनाथ मंदिर को 25 क्विंटल विभिन्न प्रकार के फूलों से सजाया गया गया था। मंदिर परिसर में सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों तथा जय बदरीविशाल के उदघोष से संपूर्ण बदरीपुरी गुंजायमान हो रही थी।  माणा बामणी गांव के महिला मंगल दल द्वारा परंपरागत भक्ति गीतों से शमा बांधा दानीदाताओं तथा भारतीय सेना आईटीबीपी ग्रेफ द्वारा भंडारे का आयोजन किया गया था। कपाट खुलते समय 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने अखंड ज्योति के दर्शन किये।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया के अंतर्गत 24 अप्रैल  को गरुड़ जी का बदरीनाथ धाम प्रस्थान अर्थात गरूड़ छाड़ मेला जोशीमठ में श्री नृसिंह मंदिर मार्ग में आयोजित हुआ।24 अप्रैल को   डिमरी पंचायत प्रतिनिधि श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर  डिम्मर से  गाडू घड़ा तेलकलश  लेकर  श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचे।
 25 अप्रैल को आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी,  के साथ रावल  ईश्वर प्रसाद नंबूदरी  के साथ  गाडू घड़ा श्री योग बदरी पांडुकेश्वर  रात्रि प्रवास हेतु पहुंचे। 26 अप्रैल दोपहर  आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी, श्री रावल जी, गाडू घड़ा तेलकलश  पांडुकेश्वर योग बदरी से श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी सहित श्री बदरीनाथ धाम पहुंचे।आज  बृहस्पतिवार 27 अप्रैल को प्रात: 7 बजकर 10 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं को दर्शनार्थ  खुल गये हैं। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर  प्रथम पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह  धामी के नाम से संपन्न हुई।
 बताया कि कपाट खुलने हेतु  श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ने 4.30 प्रात: से तैयारी शुरू की थी प्रात: 5.45 बजे  प्रात:कुबेर जी का बामणी से  लक्ष्मी द्वार होकर मंदिर परिसर में प्रवेश किया। प्रात:5.45 से रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रवींद्र भट्ट तथा डिमरी पुजारियों  द्वारा  मुख्य द्वार की पूजा संपन्न हुई
प्रात:6.30 बजे प्रात: सभामंडप में रावल जी का प्रवेश हुआ पूजा,अर्चना के बाद ठीक 7.10 प्रात: मुख्य गर्भगृह खुलने के साथ मंदिर के कपाट खुल गये। मां लक्ष्मी जी मंदिर परिसर स्थित अपने मंदिर में स्थापित हुई  कुबर जी उद्धव जी गर्भ गृह में विराजमान हुए ।गणेश जी मंदिर परिक्रमा में विराजमान हुए तथा आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी मंदिर परिसर में स्थापित हो गयी। इसी के साथ मंदिर में विशिष्ट अतिथियों/ तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये। 
इस अवसर पर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश मैखुरी, मंदिर समिति  सदस्य  आशुतोष डिमरी,  महेंद्र शर्मा, कृपाराम सेमवाल, वीरेंद्र असवाल, भास्कर डिमरी,माधव नौटियाल, पंकज मोदी,  मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह,डीआईजी केएस नगन्याल जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, एसपी प्रमेंद्र डोभाल,  बीकेटीसी के अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, डा.हरीश गौड़, राजेन्द्र सेमवाल, सामाजिक कार्यकर्ता सुभाष डिमरी,सहित जिला पुलिस प्रशासन, हकहकूकधारी, तीर्थ पुरोहित समाज सहित हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।

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