------------ प्रकाश कपरूवाण ।
ज्योतिर्मठ"हिमालय"12 अक्टूबर।ब्रह्मलीन ज्योतिष एवं द्वारका-शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के परम शिष्य नव अविषिक्त ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज का ज्योतिर्मठ आगमन पर स्थानीय जन मानस द्वारा उनका भब्य अभिनन्दन किया जाएगा।
इस दौरान द्वारका-शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानन्द सरस्वती एवं श्रंगेरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी विधुशेखर भारती भी मौजूद रहेंगें।
तीन पीठों के शंकराचार्यो के अदभुद मिलन व अभिनन्दन समारोह को लेकर ज्योतिर्मठ-जोशीमठ मे भब्य तैयारियां चल रही है। अभिनन्दन, मिलन व आशीर्वाद समारोह 17 अक्टूबर 2022 को आयोजित होगा।
ज्योतिर्मठ"बद्रिकाश्रम"के प्रबंधक मुकुंदानंद जी ब्रह्मचारी ने बुधवार को ज्योतिर्मठ परिसर मे पत्रकार वार्ता कर कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि तीनों पीठों के शंकराचार्य 15 अक्टूबर को श्री बद्रीनाथ धाम पहुंचेंगे,यहाँ दर्शन/पूजन के उपरांत 16 अक्टूबर को बद्रीनाथ से केदारनाथ जाएंगे, और पुनः बद्रीनाथ पहुंचकर ज्योतिर्मठ-जोशीमठ के लिए प्रस्थान करेंगे।
ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज अन्य शंकराचार्यो के संग अपरान्ह तीन बजे ज्योतिर्मठ पहुंचेंगे,यहाँ जीआईसी चौक पर उनका भब्य स्वागत होगा और गाजे बाजे के साथ उन्हें ज्योतिर्मठ परिसर तक लाया जाएगा।
प्रबंधक मुकुंदानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि 17 अक्टूबर को प्रातः पूजन/अनुष्ठान के बाद नौ बजे तक भब्य शोभा यात्रा ज्योतिर्मठ से रविग्राम स्टेडियम तक निकलेगी। स्थानीय वाद्ययंत्रों के साथ महिलाएं मंगलगीत व कलश के साथ यात्रा में शामिल रहेंगी।
रविग्राम स्टेडियम मे गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी वे प्रख्यात माँगल गीत गायिका नन्दा सती द्वारा गणपति वंदना व माँगल गीतों का गायन होगा और विश्व धरोहर रम्माण की शानदार प्रस्तुति भी होगी।
उन्होंने जानकारी दी कि इन कार्यक्रमों के साथ ही मंच पर तीनों शंकराचार्यो का अभिनन्दन एवं आशीर्वचन होगा, और स्टेडियम मे ही विशाल भण्डारे का आयोजन भी होगा।
पत्रकार वार्ता के दौरान मठ के ब्यवस्थापक विष्णुप्रियानंद ब्रह्मचारी,आनन्द उपाध्याय,शंकराचार्य महाराज के मीडिया प्रभारी अशोक साहू, चमोली मंगलमय कार्यक्रम के प्रभारी प्रकाश रावत, महिमानन्द उनियाल, जगदीश उनियाल, शिवानंद उनियाल, साध्वी पूर्णम्बा जी आदि मौजूद थे।
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