सृष्टि,समाज व मानव जीवन की आधारशिला है नारी शक्ति:----- आचार्य ममगाईं ।।

बद्रीनाथ धाम,04 अक्टूबर।
  प्रख्यात कथा वाचक आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने कहा कि नारी समर्पण, स्नेह व वात्सल्य  की त्रिवेणी है नारी के विना पुरूष  का  अस्तित्व नहीं है। सृष्टि, समाज व  मानव जीवन की आधार  शिला ही नारी शक्ति है ।
आचार्य ममगाईं यहाँ बद्रीनाथ धाम में श्रीमद्भागवत कथा प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूरा देश महानवमी के दिन कन्या पूजन कर रहा है  और खुशहाली के लिए होना भी चाहिए। 
 उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की बद्रीनाथ व्यास पीठ से   मुझे इस बात को कहने में कोई संकोच नहीं है  कि उत्तराखंड की बेटी "अंकिता भण्डारी" को  आज तक न्याय नही मिला, अंकिता के हत्यारों को दंडित करने के लिए हमको एकजुटता के साथ आवाज उठानी चाहिए तभी हमारे नवरात्र व कन्या पूजन भी  सफल समझे जाएंगे। 
 आचार्य ने कहा जिस दिन अंकिता को न्याय मिलेगा भगवान कृष्ण ने भी  अर्जुन  से कहा अन्याय करना अपराध है किंतु अन्याय सहन करना महा अपराध है एकजुटता के साथ  हमें अंकिता को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठानी चाहिए, अपने देश प्रदेश की नर नारी व सरकार से यही अनुरोध है भविष्य में हमारी बेटियां तभी सुरक्षित रह सकती हैं। 
 बद्रीनाथ धाम भारत सेवा आश्रम में स्वर्गीय कैप्टन निशान्त नेगी की पुण्य स्मृति में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस  ज्योतिष्पीठ व्यास आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने कहा कि आत्मा का स्वरूप ब्रह्म के समान है। जैसे सूर्य और दीपक में  फर्क है उसी तरह आत्मा और परमात्मा में फर्क है। आत्मा के शरीर में होने के कारण ही यह शरीर संचालित हो रहा है। ठीक उसी तरह जिस तरह कि संपूर्ण धरती, सूर्य, ग्रह नक्षत्र और तारे भी उस एक परमपिता की उपस्थिति से ही संचालित हो रहे हैं।
आत्मा का न जन्म होता है और न ही उसकी कोई मृत्यु है। आत्मा एक शरीर को छोड़कर दूसरा शरीर धारण करती है। यह आत्मा अजर और अमर है। आत्मा को प्रकृति द्वारा तीन शरीर मिलते हैं एक वह जो स्थूल आंखों से दिखाई देता है। दूसरा वह जिसे सूक्ष्म शरीर कहते हैं जो कि ध्यानी को ही दिखाई देता है और तीसरा वह शरीर जिसे कारण शरीर कहते हैं उसे देखना अत्यंत ही मुश्किल है। बस उसे वही आत्मा महसूस करती है जो कि उसमें रहती है। आप और हम दोनों ही आत्मा है हमारे नाम और शरीर अलग अलग हैं लेकिन भीतरी स्वरूप एक ही है। आज विशेष रूप  से पुष्कर सिंह  नेगी, रेखा नेगी, शुभम  नेगी, आस्था महरा, मधुर  महीरा, रविंद्र, पुष्पा सुंदरियाल, सुरेंद्र पटवाल, उर्मिला पटवाल,   मेहरबान सिंह, देवेन्द्र नेगी, प्रभा, अजय राय, सौरभ पांडेय, मोनिका विष्ट,  चंद्रमोहन ममगाईं, वेदपाठी आचार्य रविंद्र भट्ट, डॉक्टर हरीश गौड़, आदि भक्त गण भारी संख्या में उपस्थित थे।

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