------प्रकाश कपरुवांण
जोशीमठ जनवरी।
इन दिनों जोशीमठ, चांई, थैंग व रविग्राम के जाख देवता दो वर्ष के अंन्तराल के बाद भ्रमण के लिए अपने मूल स्थान से बाहर निकले हैं, पंरपरानुसार थैंग, चांई व रविग्राम के जाख देवता जोशीमठ के जाख देवता के साथ देव भेंट के लिए जोशीमठ के मठांगण पंहुचते है, और मठांगण मे जाख देवताओं के मिलन का धार्मिक उत्सव होता है।
हॉलाकि पूर्व वर्षो मे चांई , थैंग व रविग्राम के जाख देवता एक ही दिन देव मिलन के लिए नरसिंह मंन्दिर मठांगण जोशीमठ पंहुचे थे लेकिन इस बार चांई गॉव मे विश्वकर्मा जागर आयेाजित किए जाने के कारण वंहा के जाख देवता गाँव से बाहर नही जा सकते है। जबकि रविग्राम के जाख देवता किसी अन्य दिवस को देव मिलन के लिए मठांगण पंहुचेगे।
मंगलवार को मठांगण मे थैंग व जोशीमठ के जाख देवताओं के मिलन व नृत्य को भव्य आयेाजन हुआ, देव अवतार व खडक लिए गए। दोनों गांवो के धारियों ने एक दूसरे के जाख देवताओं का विभिन्न तालों पर नृत्य कराया।
जोशीमठ मठांगण पंहुचने पर थैंग के जाख देवता पश्वा "अवतारी पुरूष’’ व ग्राम प्रमुख का देव पुजाई समिति जोशीमठ द्वारा स्वागत किया गया। देव पुजाई समिति के अध्यक्ष भगवती प्रसाद नंबूरी, निर्वतमान अध्यक्ष/श्री बदरीनाथ के धर्माधिकारी आचार्य भुवन चन्द्र उनियाल, समिति के अन्य पदाधिकारियों ने माल्यापर्ण व शॉल ओढाकर सभी का स्वागत किया।
गौरतलब है कि देव पुजाई समिति ने पूर्व वर्षो मे एक प्रयास किया था कि चारों जाख देवताओं का एक साथ मिलन हो,और यह एक धार्मिक उत्सव का रूप ले सके। इसमे दो वर्ष पूर्व सफलता भी मिली जब थैंग, चांई, रविग्राम व जोशीमठ के जाख देवताओं का एक साथ मिलन हुआ और इस दृष्य को देखने के लिए हजारों श्रद्धालु मठांगण पंहुचे थे। इस बार भी यह प्रयास किया गया, जो विभिन्न कारणों से सफल नही हो सका। देव पुजाई समिति को उम्मीद है कि आने वाले वर्षो मे चारों जाख देवताओं के एक साथ देव मिलन के कार्यक्रम को भव्य रूप दिया जा सकेगा।
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