एनटीपीसी द्वारा निर्माणाधीन तपोवन-विष्णुगाड 520 मेगावाट जल विद्युत परियोजना के महाप्रबंधक राजेन्द्र प्रसाद अहिरवार ने कहा कि ऋषि गंगा-तपोवन में 7 फरवरी की विनाशकार आपदा में मृतकों को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा कर राष्ट्र को समर्पित किया जा सके।
श्री अहिरवार एनटीपीसी टाउनशिप में मीडिया संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, उन्होंने कहा कि एनटीपीसी ने 7फरवरी 2021 से पूर्व परियोजना का 75 प्रतिशत कार्य कर लिया था और शेष 25 प्रतिशत कार्य भी द्रुत गति से चल रहा था, लेकिन 7फरवरी के हादसे के बाद स्थिति बदली है।
उन्होंने कहा कि शासन/प्रशासन, भारत सरकार, एनटीपीसी प्रबंधन एवं स्थानीय जनमानस के सहयोग से इस भीषण हादसे से उभरते हुए अब कार्य में भी तेजी आई है।उनका कहना था कि7 फरवरी से पूर्व की परियोजना प्रगति के अनुसार 2023 मे परियोजना पूर्ण करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब जून2024 तक परियोजना निर्माण पूरा कर राष्ट्र को समर्पित किया जा सकेगा।
महाप्रबंधक ने कहा कि तपोवन वैराज का निर्माण जिस गुणवत्ता व सूझ बूझ के साथ डिजाइन किया गया था उससे निश्चित रूप से तपोवन से निचले इलाकों में नुकसान बहुत कम हुआ, क्योंकि वैराज ने तपोवन मे ही लाखों टन मलवा व बोल्डर रोक दिए थे, यदि वैराज को नुकसान कर यही मलवा इसी तेजी से आगे बढ़ता तो निचलेइलाकों में भारी तबाही हो सकती थी।
श्री अहिरवार ने बताया कि 7 फरवरी के हादसे के तुरन्त बाद एनटीपीसी ने बिना देर किए राहत व बचाव कार्यों में सहयोग करते हुएपरियोजना पुनर्निर्माण कार्य भी शुरू किया, लेकिन इसी मानसून सीजन मे एक बार फिर वारिश व भूस्खलन के कारण एडिट टनल, टीबीएम टनल व संपर्क सड़के तो क्षतिग्रस्त हुई ही,भारी भरकम मशीनें भी बह गई थी,अब स्थिति सामान्य हुई है और अब तक टनल से 90 प्रतिशत तक मलवा हटा लिया गया है तथा शेष10 प्रतिशत मलवा अगले एक से दो महीनों में हटा लिया जाएगा।
महाप्रबंधक ने कहा कि 7 फरवरी के हादसे में एनटीपीसी के विभिन्न साइटों पर कार्य कर रहे 140 कार्मिक हताहत हुए थे, स्थानीय प्रशासन अब तक 121 लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र दे चुका है, और एनटीपीसी द्वारा दिए जाने वाली मुवावजा की धनराशि 20 लाख रुपये मृतकों के परिजनों के खाते में डाल दी गई है।सभी माध्यमों से प्रत्येक मृतक के परिवार को 40 लाख की धनराशि दी जा रही है ।
सामुदायिक विकास से संबंधित कार्यों की जानकारी देते हुए महाप्रबंधक ने कहा कि यूँ तो एनटीपीसी द्वारा परियोजना प्रभावित गांवों में सामुदायिक विकास के अनेक कार्य किये जा रहे हैं लेकिन जो प्रमुख कार्य हैं उनमें 16 करोड़ की लागत से पॉलिटेक्निक भवन का निर्माण तथा करीब16 करोड़ की राशि से जोशीमठ नगर की पेयजल ब्यवस्था पर ब्यय किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भविष्य मे इस प्रकार के हादसों की स्थिति से निपटने के लिए मजबूत सुरक्षा बंदोबस्त किए जा रहे हैं, केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग व परामर्श से हर सम्भव सुरक्षा के उपाय किए जा रहे हैं, वर्तमान मे एनटीपीसी द्वारा तीन लोकेसन में 24 घण्टे की सेक्युरिटी ब्यवस्था की है जिन्हें संचार सुविधा से लैस किया गया है।
मानव संसाधन विभाग की नवजोत कौर के संचालन में हुए इस मीडिया संवाद कार्यक्रम को अपर महाप्रबंधक"परियोजना"मुकेश अग्रवाल, व मानव संसाधन विभाग के अपर महाप्रबंधक उमेश कुमार ने भी संबोधित किया।मीडिया संवाद कार्यक्रम मे एनटीपीसी के अपर महाप्रबंधक योजना एवं पद्धति ए आर महापात्रा, अपर महाप्रबंधक पर्यावरण सी डी तिवारी, के अलावा बरिष्ठ प्रबंधक सुरक्षा एवं बरिष्ठ चिकित्साधिकारी भी मौजूद रहे।मीडिया संवाद के बाद सभी पत्रकारों व अधिकारियों ने स्मृति उद्यान में आपदा मे मृतक हुए कार्मिकों की याद में पौधा रोपण किया गया
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