जोशीमठ,18 नवंबर।
सीमान्त धार्मिक एवं पर्यटन नगरी जोशीमठ के अस्तित्व को बचाने के लिए नगर के भूगर्भीय एवं पर्यावरणीय सर्वेक्षण की मांग जोर पकड़ने लगी है। बृहस्पतिबार को स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर यथाशीघ्र सर्वेक्षण कराए जाने की मांग की है।
मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन मे कहा गया है कि वर्ष 1976 में जोशीमठ के भूगर्भीय अध्ययन के लिए तत्कालीन गढ़वाल कमिश्नर महेश चन्द्र मिश्रा की अध्यक्षता मे गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया था कि जोशीमठ नगर ग्लेशियर के मलवे- मोरेन के ऊपर बसा नगर है, यहां भूगर्भीय एवं पर्यवाणीय संवेदनशीलता को देखते हुए ही विकास व निर्माण कार्य किये जाने चाहिए।
ज्ञापन में बीती 17 से 19 अक्टूबर तक हुई भारी बारिश के बाद क्षेत्र मे हुए ब्यापक नुकसान व लगातार हो रहे भूस्खलन तथा औली रोड में हो रहे भू धंसाव का भी सर्वे कराए जाने की मांग की गई है।
इस ज्ञापन में खतरे की जद में आ चुकी बस्तियों के विस्थापन की भी मांग की गई है।
ज्ञापन देने वालों में कामरेड अतुल सती, पीसीसी सदस्य कमल रतूड़ी, पूर्व पालिकाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठके प्रदेश उपाध्यक्ष विक्रम सिंह भुजवान, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष हरीश भण्डारी, ब्यापार संघ के महामंत्री जय प्रकाश भट्ट, कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष विपिन साह, सभासद अमित सती, अतुल बहुगुणा, व नगर कांग्रेस अध्यक्ष रोहित परमार आदि प्रमुख हैं।
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